Visheshan in Hindi – इस पोस्ट में हम आपको विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण सहित पूरी जानकारी देंगे। आज आप सीखेंगे विशेषण किसे कहते हैं, विशेषण कितने प्रकार के होते हैं इसके अलावा विशेष्य किसे कहते हैं और प्रविशेषण किसे कहते हैं?
विशेषण की परिभाषा
संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं। यानी विशेषण वो शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ लगकर उनकी विशेषता बताते हैं। जैसे – हरा, गोल मीठा, खट्टा, ईमानदार, अच्छा, सुन्दर, लाल, नीला, दयालू, लंबा, पतला, दुबला, मूर्ख, बुद्धिमान आदि।
विशेषण को उदाहरण से समझते हैं –
एक शब्द ले लेते हैं अंगूर। अंगूर एक संज्ञा है। अब अंगूर की विशेषता क्या हो सकती है – गोल, हरा, खट्टा या मीठा। तो चलिए देखते हैं –
अंगूर हरा है।
अंगूर मीठा है।
इसमें “अंगूर” शब्द संज्ञा है लेकिन इसकी विशेषता बताने वाले शब्द ”हरा” और ”मीठा” विशेषण कहलायेंगे। क्यूंकि संज्ञा व सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को ही विशेषण कहा जाता है और दिए गए उदाहरण में ”हरा’ व ”मीठा” शब्द संज्ञा यानी “अंगूर” की विशेषता बता रहे हैं।
एक और उदाहरण –
सोनू अच्छा लड़का है।
इसमें “सोनू” शब्द संज्ञा है और इसकी विशेषता बताई जा रही है कि वह “अच्छा” लड़का है। इसका मतलब इसमें ”अच्छा” शब्द विशेषण है।
गुण, दोष, आकार, स्वाद, संख्या व रंग रूप के आधार पर हम विशेषण शब्दों की पहचान कर सकते हैं।
विशेषण के भेद के बारे में भी आपको बताएँगे पहले जान लेते हैं विशेष्य किसे कहते हैं?
विशेष्य की परिभाषा
जिन संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताई जाती है उन्हें विशेष्य कहते हैं।
ऊपर बताया गया उदाहरण देखें। इसमें ”अंगूर” और ”सोनू” विशेष्य शब्द हैं। क्यूंकि पहले उदाहरण में ”अंगूर” की विशेषता और दूसरे उदाहरण में ”सोनू” की विशेषता बताई गयी है।
अर्थात विशेषण वह शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताता है और संज्ञा या सर्वनाम के वो शब्द जिनकी विशेषता बताई जाती है उन्हें विशेष्य कहते हैं।
उम्मीद है आपको विशेषण और विशेष्य में अंतर समझ में आ गया होगा। चलिए आपको बताते हैं प्रविशेषण किसे कहते हैं।
प्रविशेषण की परिभाषा
विशेषण की विशेषता बताने वाले शब्दों को प्रविशेषण कहा जाता है। मतलब ये कि वह शब्द जो विशेषण की भी विशेषता बताएं उन्हें प्रविशेषण कहते हैं। जैसे – ज्यादा, बहुत, पूर्ण आदि।
चलिए इसे दो अलग-अलग उदाहरण से समझते हैं।
उदहारण 1 –
प्रियंका सुन्दर है।
दिए गए “उदहारण 1″ में विशेषण संज्ञा की विशेषता बता रहा है। इसमें (संज्ञा) ”प्रियंका” विशेष्य है और “सुन्दर” विशेषण शब्द है। अब इसमें प्रविशेषण जोड़ देते हैं जो विशेषण की भी विशेषता बताए।
उदहारण 2 –
प्रियंका बहुत सुन्दर है।
अब “उदहारण 2” देखिये। इसमें विशेषण यानी “सुन्दर” की भी विशेषता बताई जा रही है कि सुन्दर नहीं बल्कि “बहुत” सुन्दर है। इस वाक्य में “बहुत” शब्द प्रविशेषण है।
इसी तरह –
मैं पूर्ण स्वस्थ हूँ।
इस वाक्य में “पूर्ण” (प्रविशेषण) द्वारा “स्वस्थ” (विशेषण) की विशेषता बताई जा रही है। अतः “पूर्ण” शब्द प्रविशेषण कहलायेगा।
उम्मीद है आपको समझ में आया होगा कि विशेषण, विशेष्य और प्रविशेषण किसे कहते हैं। अब मैं आपको बताऊंगा कि विशेषण के कितने भेद होते हैं।
विशेषण के भेद
प्रयोग के आधार पर विशेषण के चार भेद होते हैं।
1. गुणवाचक विशेषण
2. संख्यावाचक विशेषण
3. परिमाणवाचक विशेषण
4. सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण।
1. गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं?
वह विशेषण जिनसे संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, दशा, समय, स्थान, रंग या आकार आदि की विशेषता के बारे पता चलता है उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे –
- मैं ताज़ा फल लाया हूँ।
- यह आम मीठा है।
- वह आदमी लम्बा है।
गुणवाचक विशेषण के कुछ उदाहरण –
सच्चा, झूठा, भला-बुरा, दुष्ट, उदार, आलसी, सफ़ेद, हरा, काला, नीला, धुंधला, धनवान, निर्धन, उत्तरी, पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी, बड़ा, गोल, छोटा,चपटा, खट्टा, मीठा, तीखा, फीका, भारतीय, जापानी, पंजाबी, बंगाली, कोमल, कठोर आदि।
2. संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं?
जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध करते हैं उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है। जैसे –
- टोकरी में पांच आम हैं।
- सोनू तीसरी मंजिल पर रहता है।
- मेरे पास दो कार है।
संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं।
(i) निश्चित संख्यावाचक – ऐसे विशेषण जिससे हमें निश्चित संख्या का पता चलता है, वे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे – दस भैंस, तीन कलम, पहली कक्षा, दो पुस्तकें आदि।
(ii) अनिश्चित संख्यावाचक – जिनसे निश्चित संख्या का पता नहीं चलता है, वे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे – बहुत लोग, कुछ बच्चे, थोड़े पैसे, कई शेर आदि।
3. परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं?
ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा या नाप तोल आदि की जानकारी दे उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं? जैसे – चार मीटर, दो लीटर, पांच किलो आदि
परिमाणवाचक विशेषण को भी निम्नलिखित दो भागों में बाँटा गया है।
(i) निश्चित परिमाणवाचक – किसी वस्तु का निश्चित परिमाण या माप-तोल बताने वाले विशेषण निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे – चार किलो चीनी, तीन लीटर दूध, पांच मीटर कपड़ा आदि।
(ii) अनिश्चित परिमाणवाचक – वो विशेषण शब्द जिनसे किसी वस्तु की निश्चित परिमाण या मात्रा का ज्ञान न हो वे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे – कुछ फल, कुछ कपड़ा, थोड़ा दूध आदि।
4. सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण किसे कहते हैं?
जो सर्वनाम शब्द संज्ञा से पहले आकर उनकी ओर संकेत करते हैं या ये कहें कि विशेषण की तरह उस संज्ञा शब्द की विशेषता बताते हैं उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे-
- वह पेंसिल मेरी है।
- यह तोता बोलता है।
- उस लड़के को अच्छे से काम करना आता है।
उदाहरण में देखें “यह”, “वह”, “उस” आदि शब्द संज्ञा से पहले लगकर विशेषण की तरह संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं।
उम्मीद है आपको विशेषण की परिभाषा, विशेषण किसे कहते हैं (Visheshan kise kahate hain), विशेषण कितने प्रकार के होते हैं व विशेष्य व प्रविशेषण किसे कहते हैं? आदि के बारे में समझ में आ गया होगा।
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Visheshan ke 6 bhed hote hai aap 4 bhed bata rahe hai
विशेषण को तीन प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है – स्थान के आधार पर, प्रयोग के आधार पर और तुलना के आधार पर।
प्रयोग के आधार पर विशेषण मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं।